गन्ने की फ़सल में मिट्टी चढ़ाई का काम अच्छे से करे मिट्टी चढ़ाने से पहले कुछ उर्वरक खाद्य ज़रूर डालें
डी ए पी. 50 किलो
पोटाश 50 किलो
यूरिया 25 किलो
पोटेशियम हूमेट 98% 3 किलो
कैल्शियम नाइट्रेट 3 किलो
फेरर सल्फेट 5किलो
गाय का गोबर. 100 किलो
बोरोन 1 किलो
सल्फ़र 90%. 5 किलो
सभी तत्वों को100-200 किलो गोबर की खाद में मिला लें तथा खेत में डाल के मिट्टी लगा दे
समय से ही पानी की सिंचाई कर दे
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बारिश के सीज़न में एक रोग विशेष तौर पे कुछ वारंटियों में देखा गया है फफूंदी का रोग है जिसे पोकावोइग कहते हैं इस रूप से पत्तियां सिमट जाती हैं और ख़राब होना शुरू हो जाती है इसके निवारण के लिए एक स्प्रे आवश्यक है स्प्रे में आप ले सकते हैं
स्प्रे के लिए रसायन
एन पी के। 19:19:19. 1.5kg
जिंक 12% 200gms
कॉपर आकसोक्लोराइड (coc). 500gms
यूरिया. 1kg
इन सब को मिला के 250 से300 लीटर पानी में स्प्रे करें ये स्प्रे बीस दिन के अंतराल दोहराएँ इस से आने वाले फंगस के रोग ख़त्म हो जाएंगे
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एक विशेष रोग टॉप बोलर जिसे चोटी भेदक भी कहा जाता है ये आने से गन्ने की बड़वार वाला हिस्सा कीड़े के द्वारा नष्ट कर दिया जाता है इससे नुक़सान पैदावार में आता है इसके रोकथाम के लिए
1)कोराजन कीटनाशक की ड्रेनचिग डेढ़ सौ मिलीलीटर प्रति एकड़ से 400 लीटर पानी में मिला के कराये
तथा 24 घंटे के भीतर ही पानी लगाते हैं खेत में
2)किसी दूसरे कीटनाशक का स्प्रे कराए
गन्ना विशेषज्ञ की सलाह लें
डी ए पी. 50 किलो
पोटाश 50 किलो
यूरिया 25 किलो
पोटेशियम हूमेट 98% 3 किलो
कैल्शियम नाइट्रेट 3 किलो
फेरर सल्फेट 5किलो
गाय का गोबर. 100 किलो
बोरोन 1 किलो
सल्फ़र 90%. 5 किलो
सभी तत्वों को100-200 किलो गोबर की खाद में मिला लें तथा खेत में डाल के मिट्टी लगा दे
समय से ही पानी की सिंचाई कर दे
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बारिश के सीज़न में एक रोग विशेष तौर पे कुछ वारंटियों में देखा गया है फफूंदी का रोग है जिसे पोकावोइग कहते हैं इस रूप से पत्तियां सिमट जाती हैं और ख़राब होना शुरू हो जाती है इसके निवारण के लिए एक स्प्रे आवश्यक है स्प्रे में आप ले सकते हैं
स्प्रे के लिए रसायन
एन पी के। 19:19:19. 1.5kg
जिंक 12% 200gms
कॉपर आकसोक्लोराइड (coc). 500gms
यूरिया. 1kg
इन सब को मिला के 250 से300 लीटर पानी में स्प्रे करें ये स्प्रे बीस दिन के अंतराल दोहराएँ इस से आने वाले फंगस के रोग ख़त्म हो जाएंगे
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एक विशेष रोग टॉप बोलर जिसे चोटी भेदक भी कहा जाता है ये आने से गन्ने की बड़वार वाला हिस्सा कीड़े के द्वारा नष्ट कर दिया जाता है इससे नुक़सान पैदावार में आता है इसके रोकथाम के लिए
1)कोराजन कीटनाशक की ड्रेनचिग डेढ़ सौ मिलीलीटर प्रति एकड़ से 400 लीटर पानी में मिला के कराये
तथा 24 घंटे के भीतर ही पानी लगाते हैं खेत में
2)किसी दूसरे कीटनाशक का स्प्रे कराए
गन्ना विशेषज्ञ की सलाह लें
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