अमरुद की उन्नत खेती.
जलवायु -उष्ण तथा जलवायु मे सफलता पुवक लगाया जा सकता हे इसके पेड़ अधिक पानी तथा सुखे को कुछ हद तक सह लेते हे
भुमि-कई पकार की भुमि मे पैदा होता हे किन्तु गहरी उपजाऊ दोमट भुमि इसके लिये उपयुक्त हे
भुमि कीतैयारी-आधे मीटर कीलबाई चौडाई और गहराई के गड्डे समतल की हुई भुमि मे माह मई मे खोदने चाहिये पोधे लगाने के10-15 दिन पुव गड्डो कोभर देना चाहिये
उनन्त जातिया - 9पजातिया लगा सकते होआप ये9ही पजातिय पुरी दुनिया मे विकसीत हे
पोधो की दुरी -6*6मीटर पति हेक्टर 260पोधे
लगाने का समय और तरीका -वषा शुरु होने के बाद जुलाई से सितम्बर पोधै लगाने के बाद पोधो के चारो ओर की मिट्टी कोअच्छी तरह से दबा दे तने के पास की मिट्टी की सतह थोडी़ उची रखे
सिचाई-छोटे पोधो की आवशयकता नुसार सिचाई करे फलदार पेड़ की अव्टुबर से जनवरी तक हर माह सिचाई करे
कटाइऔर छटाइ-मुख्य तने के पास भुमि से निकलने वाली शाखाओ को काट दे मुख्य तने पर60-90से .मी.तक कोई भी शाखा बढने न दे
फलो की तुडाई नवंबर से माच तक फलो को तोड़ लेना चाहिये
कीडे तना छेदक इल्ली -इसे नष्ट करने के लिये मिट्टी के तेल या पेटोल मे रुई भिगोकर तार की मदद से ईल्ली दुारा किए गए छेद मेभर देना चाहिये इसके तुरन्त बाद गीली मिट्टी दुारा छेद को बंद कर दे
लाल रोमिल इल्ली-इससे बचाव केलिये मिथाइल पेराथियान 2पतिशत डस्ट का भुरकाव करे
बीमारियॉ उकटा रोग पुण विकसीत पेड़ की शाखाए सुखती हे तथा कुछ दिनो बाद पेड़ सुख जाता हे इसकी रोकथाम के लिये रोग गस्त पोधो या उनकी शाखाओ को निकालकर जला देना चाहिये
ककर रोग -इस बीमारी की रोकथाम के लिये तांबा युक्त फफुद नाशक दवा काछिडकाव व दो माह केअन्तर पर करे
जलवायु -उष्ण तथा जलवायु मे सफलता पुवक लगाया जा सकता हे इसके पेड़ अधिक पानी तथा सुखे को कुछ हद तक सह लेते हे
भुमि-कई पकार की भुमि मे पैदा होता हे किन्तु गहरी उपजाऊ दोमट भुमि इसके लिये उपयुक्त हे
भुमि कीतैयारी-आधे मीटर कीलबाई चौडाई और गहराई के गड्डे समतल की हुई भुमि मे माह मई मे खोदने चाहिये पोधे लगाने के10-15 दिन पुव गड्डो कोभर देना चाहिये
उनन्त जातिया - 9पजातिया लगा सकते होआप ये9ही पजातिय पुरी दुनिया मे विकसीत हे
पोधो की दुरी -6*6मीटर पति हेक्टर 260पोधे
लगाने का समय और तरीका -वषा शुरु होने के बाद जुलाई से सितम्बर पोधै लगाने के बाद पोधो के चारो ओर की मिट्टी कोअच्छी तरह से दबा दे तने के पास की मिट्टी की सतह थोडी़ उची रखे
सिचाई-छोटे पोधो की आवशयकता नुसार सिचाई करे फलदार पेड़ की अव्टुबर से जनवरी तक हर माह सिचाई करे
कटाइऔर छटाइ-मुख्य तने के पास भुमि से निकलने वाली शाखाओ को काट दे मुख्य तने पर60-90से .मी.तक कोई भी शाखा बढने न दे
फलो की तुडाई नवंबर से माच तक फलो को तोड़ लेना चाहिये
कीडे तना छेदक इल्ली -इसे नष्ट करने के लिये मिट्टी के तेल या पेटोल मे रुई भिगोकर तार की मदद से ईल्ली दुारा किए गए छेद मेभर देना चाहिये इसके तुरन्त बाद गीली मिट्टी दुारा छेद को बंद कर दे
लाल रोमिल इल्ली-इससे बचाव केलिये मिथाइल पेराथियान 2पतिशत डस्ट का भुरकाव करे
बीमारियॉ उकटा रोग पुण विकसीत पेड़ की शाखाए सुखती हे तथा कुछ दिनो बाद पेड़ सुख जाता हे इसकी रोकथाम के लिये रोग गस्त पोधो या उनकी शाखाओ को निकालकर जला देना चाहिये
ककर रोग -इस बीमारी की रोकथाम के लिये तांबा युक्त फफुद नाशक दवा काछिडकाव व दो माह केअन्तर पर करे
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