*कृषि में सुधार के लिए ज़रूरी है जैविक खेती का विस्तार*
*100 फीसदी जैविक कृषि राज्य सिक्किम*
हालांकि सिक्किम के किसान सिंथेटिक उर्वरकों पर पहले भी पूरी तरह निर्भर नहीं थे, लेकिन रासायनिक उर्वरकों का उपयोग तो करते ही थे।
*सिक्किम, अब प्रमाणिक तौर पर भारत का पहला 100 फीसदी जैविक राज्य बन गया है।*
सिक्किम ने अपनी 75 हजार हेक्टेयर की कुल टिकाऊ कृषि भूमि को प्रमाणिक तौर पर जैविक कृषि क्षेत्र में तब्दील कर दिया है।
सिक्किम ने यह सचमुच एक बड़ा करतब कर दिखाया है। 18 जनवरी, 2016 को ‘गंगटोक एग्री समिट’ के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी बाकायदा औपचारिक घोषणा की थी। उन्होंने शाबाशी दी थी - “सिक्किम ने कृषि का मतलब बदल दिया है।’’ प्रधानमंत्री की दी शाबाशी और सिक्किम की उपलब्धि एक वर्ष पुरानी जरूर है, लेकिन इसकी सीख आज भी प्रासंगिक है और अनुकरणीय भी।
सिक्किम, रेल और व्यावसायिक हवाई जहाज से जुड़ाव के मामले में कमजोर राज्य है। सिक्किम की आबादी भी मात्र साढ़े छह लाख है। सिक्किम राज्य में दर्ज 889:1000 महिला-पुरुष लिंग अनुपात काफी असन्तुलित है।
सिक्किम की पहचान किसी खास उत्पाद के औद्योगिक राज्य की भी नहीं है। लेकिन 80 प्रतिशत आबादी के ग्रामीण होने के कारण सिक्किम ने जैविक खेती को इतनी अधिक तरजीह दी कि आज वह एक नजीर बन गया है।
*जैविक अदरक, हल्दी, इलायची, फूल, किवी, मक्का, बेबी काॅर्न तथा गैर मौसमी सब्जियाँ सिक्किम की खासियत हैं।*
आप चाहें तो दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित सिक्किम आर्गेनिक रिटेल आउटलेट पर इसकी प्रमाणिकता जाँच सकते हैं।
*आज भारत के कुल प्रमाणित जैविक कृषि उत्पादन (135 लाख टन) में छोटे से सिक्किम का बड़ा योगदान है।* ऐसा करने में सिक्किम 13 वर्ष लगे।
‘राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम’ में सभी राज्य शामिल हैं, किन्तु सिर्फ सिक्किम ही ऐसा क्यों कर पाया?
*100 फीसदी जैविक कृषि राज्य सिक्किम*
हालांकि सिक्किम के किसान सिंथेटिक उर्वरकों पर पहले भी पूरी तरह निर्भर नहीं थे, लेकिन रासायनिक उर्वरकों का उपयोग तो करते ही थे।
*सिक्किम, अब प्रमाणिक तौर पर भारत का पहला 100 फीसदी जैविक राज्य बन गया है।*
सिक्किम ने अपनी 75 हजार हेक्टेयर की कुल टिकाऊ कृषि भूमि को प्रमाणिक तौर पर जैविक कृषि क्षेत्र में तब्दील कर दिया है।
सिक्किम ने यह सचमुच एक बड़ा करतब कर दिखाया है। 18 जनवरी, 2016 को ‘गंगटोक एग्री समिट’ के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी बाकायदा औपचारिक घोषणा की थी। उन्होंने शाबाशी दी थी - “सिक्किम ने कृषि का मतलब बदल दिया है।’’ प्रधानमंत्री की दी शाबाशी और सिक्किम की उपलब्धि एक वर्ष पुरानी जरूर है, लेकिन इसकी सीख आज भी प्रासंगिक है और अनुकरणीय भी।
सिक्किम, रेल और व्यावसायिक हवाई जहाज से जुड़ाव के मामले में कमजोर राज्य है। सिक्किम की आबादी भी मात्र साढ़े छह लाख है। सिक्किम राज्य में दर्ज 889:1000 महिला-पुरुष लिंग अनुपात काफी असन्तुलित है।
सिक्किम की पहचान किसी खास उत्पाद के औद्योगिक राज्य की भी नहीं है। लेकिन 80 प्रतिशत आबादी के ग्रामीण होने के कारण सिक्किम ने जैविक खेती को इतनी अधिक तरजीह दी कि आज वह एक नजीर बन गया है।
*जैविक अदरक, हल्दी, इलायची, फूल, किवी, मक्का, बेबी काॅर्न तथा गैर मौसमी सब्जियाँ सिक्किम की खासियत हैं।*
आप चाहें तो दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित सिक्किम आर्गेनिक रिटेल आउटलेट पर इसकी प्रमाणिकता जाँच सकते हैं।
*आज भारत के कुल प्रमाणित जैविक कृषि उत्पादन (135 लाख टन) में छोटे से सिक्किम का बड़ा योगदान है।* ऐसा करने में सिक्किम 13 वर्ष लगे।
‘राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम’ में सभी राज्य शामिल हैं, किन्तु सिर्फ सिक्किम ही ऐसा क्यों कर पाया?
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