केंचुआ खाद बनाने की चरणबद्ध विधि
केंचुआ खाद बनाने हेतु चरणबद्ध निम्न प्रक्रिया अपनाते हैं।
चरण-1
कार्बनिक अवशिष्ट/ कचरे में से पत्थर,काँच,प्लास्टिक, सिरेमिक तथा धातुओं को अलग करके कार्बनिक कचरे के बड़े ढ़ेलों को तोड़कर ढेर बनाया जाता है।
चरण–2
मोटे कार्बनिक अवशिष्टों जैसे पत्तियों का कूड़ा, पौधों के तने, गन्ने की भूसी/खोयी को 2-4 इन्च आकार के छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। इससे खाद बनने में कम समय लगता है।
चरण–3
कचरे में से दुर्गन्ध हटाने तथा अवाँछित जीवों को खत्म करने के लिए कचरे को एक फुट मोटी सतह के रुप में फुलाकर धूप में सुखाया जाता है।
चरण–4
अवशिष्ट को गाय के गोबर में मिलाकर एक माह तक सड़ाने हेतु गड्डों में डाल दिया जाता है। उचित नमी बनाने हेतु रोज पानी का छिड़काव किया जाता है।
चरण–5
केंचुआ खाद बनाने के लिए सर्वप्रथम फर्श पर बालू की 1 इन्च मोटी पर्त बिछाकर उसके ऊपर 3-4 इन्च मोटाई में फसल का अवशिष्ट/मोटे पदार्थों की पर्त बिछाते हैं। पुन: इसके ऊपर चरण-4 से प्राप्त पदार्थों की 18 इन्च मोटी पर्त इस प्रकार बिछाते हैं कि इसकी चौड़ाई 40-45 इन्च बन जाती है। बेड की लम्बाई को छप्पर में उपलब्ध जगह के आधार पर रखते हैं। इस प्रकार 10 फिट लम्बाई की बेड में लगभग 500 कि.ग्रा. कार्बनिक अवशिष्ट समाहित हो जाता है। बेड को अर्धवृत्त प्रकार का रखते हैं जिससे केंचुए को घूमने के लिए पर्याप्त स्थान तथा बेड में हवा का प्रबंधन संभव हो सके। इस 17 प्रकार बेड बनाने के बाद उचित नमी बनाये रखने के लिए पानी का छिड़काव करते रहते है तत्पश्चात इसे 2-3 दिनों के लिए छोड़ देते हैं।
चरण–6
जब बेड के सभी भागों में तापमान सामान्य हो जाये तब इसमें लगभग 5000 केंचुए / 500 0ग्रा0 अवशिष्ट की दर से केंचुआ तथा कोकून का मिश्रण बेड की एक तरफ से इस प्रकार डालते हैं कि यह लम्बाई में एक तरफ से पूरे बेड तक पहुँच जाये।
चरण–7
सम्पूर्ण बेड को बारीक / कटे हुए अवशिष्ट की 3-4 इन्च मोटी पर्त से ढकते हैं, अनुकूल परिस्थितयों में केंचुए पूरे बेड पर अपने आप फलै जाते हैं। ज्यादातर केंचुए बेड में 2-3 इन्च गहराई पर रहकर कार्बनिक पदार्थों का भक्षण कर उत्सर्जन करते रहते हैं।
चरण–8
अनुकूल आर्द्रता, तापक्रम तथा हवामय परिस्थितयोंमें 25-30 दिनों के उपरान्त बडै की ऊपरी सतह पर 3-4 इन्च मोटी केंचुआ खाद एकत्र हो जाती हैं। इसे अलग करने के लिए बेड की बाहरी आवरण सतह को एक तरफ से हटाते हैं। ऐसा करने पर जब केंचुए बेड में गहराई में चले जाते हैं तब केंचुआ खाद को बडे से आसानी से अलग कर तत्पश्चात बेड को पुनः पूर्व की भाँति महीन कचरे से ढक कर पर्याप्त आर्द्रता बनाये रखने हेतु पानी का छिड़काव कर देते हैं।
चरण–9
लगभग 5-7 दिनों में केंचुआ खाद की 4-6 इन्च मोटी एक और पर्त तैयार हो जाती है। इसे भी पूर्व में चरण-8 की भाँति अलग कर लेते हैं तथा बेड में फिर पर्याप्त आर्द्रता बनाये रखने हेतु पानी का छिड़काव किया जाता है।
चरण–10
तदोपरान्त हर 5-7 दिनोंके अन्तराल में अनुकूल परिस्थतियों में पुन: केंचुआ खाद की 4-6 इन्च मोटी पर्त बनती है जिसे पूर्व में चरण-9 की भाँति अलग कर लिया जाता है। इस प्रकार 40-45 दिनोंमें लगभग 80-85 प्रतिशत केंचुआ खाद एकत्र कर ली जाती है।
चरण–11
अन्त में कुछ केचुआ खाद केंचुओं तथा केचुए के अण्डों (कोकूनद) सहित एक छोटे से ढेर के रुप में बच जाती है। इसे दूसरे चक्र में केचुए के संरोप के रुप में प्रयुक्त कर लेते हैं। इस प्रकार लगातार केंचुआखाद उत्पादन के लिए इस प्रि क्रया को दोहराते रहते हैं।
चरण–12
एकत्र की गयी केंचुआ खाद से केंचुए के अण्डों अव्यस्क केंचुओं तथा केंचुए द्वारा नहीं खाये गये पदार्थों को 3-4 से.मी. आकार की छलनी से छान कर अलग कर लेते हैं।
चरण–13
अतिरिक्त नमी हटाने के लिए छनी हुई केचुआ खाद को पक्के फर्श पर फैला देते हैं। तथा जब नमी लगभग 30-40 प्रतिशत तक रह जाती है तो इसे एकत्र कर लेते हैं।
चरण–14
केंचुआ खाद को प्लास्टिक/एच0 डी0 पी0 ई0 थैले में सील करके पैक किया जाता है ताकि इसमें नमी कम न हो।
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